Friday, February 22, 2013

Poems (Dua)


लब पे आती है दुआ (lab pe aati hai dua, banke tamanna meri)



लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी
ज़िन्दगी शम्मा की सुरत हो ख़ुदाया मेरी
दूर दुनिया का मेरे दम अँधेरा नो जाये
हर जगह मेरे चमकने से उजाला हो जाये
हो मेरे दम से यूँ ही मेरे वतन की ज़ीनत
जिस तरह फूल से होती है चमन की ज़ीनत
ज़िन्दगी हो मेरी परवाने की सुरत या रब
इल्म की शम्मा से हो मुझको मोहब्बत या रब
हो मेरा काम ग़रीबों की हिमायत करना
दर्द-मंदों से ज़ैइफ़ों से मोहब्बत करना
मेरे अल्लाह बुराई से बचाना मुझको
नेक जो राह हो उस राह पे चलाना मुझको !!
-- इक़बाल

Translation:

My longing comes to my lips as supplication of mine O God! 
May like the candle be the life of mine!

May the world's darkness disappear through the life of mine! 
May every place light up with the sparkling light of mine!

May my homeland through me attain elegance
As the garden through flowers attains elegance

May my life like that of the moth be, O Lord! 
May I love the lamp of knowledge, O Lord!

May supportive of the poor my life's way be 
May loving the old, the suffering my way be

O God! Protect me from the evil ways 
Show me the path leading to the good ways

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ऐ मालिक तेरे बन्दे हम - Ae Malik Tere Bande Hum



ऐ मालिक तेरे बन्दे हम
ऐसे हों हमारे करम
नेकी पर चलें और बदी से टलें,
ताकि हंसते हुए निकले दम

ये अंधेरा घना छा रहा, तेरा इंसान घबरा रहा
हो रहा बेखबर, कुछ न आता नज़र
सुख का सूरज छुपा जा रहा
है तेरी रोशनी में जो दम
तो अमावस को कर दे पूनम
नेकी पर... 

जब ज़ुल्मों का हो सामना, तब तू ही हमें थामना
वो बुराई करें, हम भलाई भरें
नहीं बदले की हो कामना
बढ़ उठे प्यार का हर कदम, और मिटे बैर का ये भरम
नेकी पर...

बड़ा कमज़ोर है आदमी, अभी लाखों हैं इसमें कमी
पर तू जो खड़ा, है दयालू बड़ा
तेरी किरपा से धरती थमी
दिया तूने हमें जब जनम
तू ही झेलेगा हम सबके ग़म
नेकी पर...

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